यदि आप आयुर्वेद में थोड़ीबहुत भी रूचि रखते हैं तो आपने अश्वगंधा का नाम ज़रूर सुना होगा। यह एक प्राचीन और महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी है। इसका इस्तेमाल जीवन की अनेक प्रक्रियाओं में किया जाता है। इसके शरीर की रोग-रोग प्रतिरोधक क्षमता में लाभ पोंहचाने की खूबी के कारण इसे भारतीय जिनसेंग (Ginseng) भी कहा जाता है। पिछले कुछ वर्षो में आयुर्वेद ने देश और विदेश में बहुत नाम कमाया है। प्राचीन जड़ी बूटी जैसे अश्वगंधा, त्रिफला, ब्राह्मी आदि काफ़ी चर्चा में है।
अब आप ये सोच रहें होंगे की अश्वगंधा आखिर चीज़ क्या है, जिसका इतनी बार ज़िक्र हो रहा है। असल में अश्वगंधा ६००० बी सी पुराणी जड़ी बूटी है जिसका प्रयोग अनेक रोगों को ठीक करने में किया जाता आ रहा है, अश्वगंधा का प्रयोग व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक तौर पर अधिक ऊर्जा प्रदान करने के लिए किया जाता है। कई चर्चित आयुर्वेदिक किताबों और पत्रिकाओं में भी उल्लेख है की अश्वगंधा का नियम अनुसार सेवन करने से कोई भी व्यक्ति भयंकर बीमारियों जैसे वात रोग (अर्थरिटेस), कैंसर, तनाव (स्ट्रेस), हार्टअटैक, डॉयबटीज आदि।
Ashwagandha Kya Hai (In Hindi)
अश्वगंधा के बारे में बात करने से पहले इस जड़ी-बूटी का इतिहास जानना आवश्यक है। यह औषधि करीब ६००० बी सी पुरानी है जिसको आयुर्वेदिक उपचार में सबसे महत्वपुर्ण दर्जा दिया गया है। अश्वगंधा दो शब्दों के मेल से बना है, अश्व अर्थात घोड़ा और गंध अर्थात सुगंध, यदि आप अश्वगंधा के पौधे को मसल के सूंघेगे तो आपको घोड़े के पेशाब जैसी गंध आएगी । यह जड़ीबूटी कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक रोगों को दूर करने में कारगर है। आपको यह जानकर दिलचिस्पी होगी के भूगोलिक तौर पर अश्वगंधा के कईनाम है पर फिर भी यह दुनिया में अश्वगंधा के नाम से प्रचलित है। अर्थात अश्वगंधा एक सम्पूर्ण आयुर्वेदिक औषिधि है जिसके सेवन सेहर व्यक्ति अपनी ऊर्जा और क्षमता बढ़ा सकता है।
अश्वगंधा के प्रकार
बड़ी अश्वगंधा
इसकी झाड़ियां बड़ी होती हैं और जड़े छोटी होती हैं। यह आम तौर पर घर के बगीचे, खेत और पहाड़ी स्थानों मे पाए जाती है।
छोटी अश्वगंधा
इसकी झाड़ियां छोटी होती हैं और जड़े छोटी होती हैं। यह विशेष तौर पर राजिस्थान के नागोरी में अधिक पाई जाती है। वहां का वातावरण भी इसके लिए अनुकूल है।
Ashwagandha ke Fayde (in Hindi)
Ashwagandharishta ke fayde in hindi: अश्वगंधा को आयुर्वेद में एडाप्टोजेन (Adaptogen) की तरह देखा जाता है और उस वजह से यह माना जाता है की अश्वगंधा वह सबफायदें पोहचता है जो एडाप्टोजेन पोहचते हैं। एडाप्टोजेन वो पौधे होते हैं जो इंसान के शरीर और मन को तनाव के साथ अनुकूल होने मेंमदद करते हैं जैसे की इनका नाम है एडाप्टोजेन यह एडाप्ट करने में मदद करते हैं।
माना जाता है की अश्वगंधा के नियमित सेवन से इसके निम्नलिखित फायदें होते हैं।
अश्वगंधा ऊर्जा बढ़ाने में सहायक है।
अश्वगंधा व्यक्ति के शारीरिक विकास में अत्यंत लाभदायक है। इसके नियम अनुसार सेवन से न केवल एक दुबले व्यक्ति के वजन में बढ़ौतरी होती है बल्कि शरीरी में नई ऊर्जा का संचार भी होता है।
अश्वगंधा तनाव कम करने में कारगर है, न सिर्फ यह तनाव कम करने में मदद करता है बल्कि मानसिक ऊर्जा में बढ़ौतरी करता है ताकि तनाव से लड़ने में मदद हो।
यह नींद न आने की बीमारी यानी इंसोम्निया (Insomnia) में भी सहायक है।
कुछ चिकित्सकों ने इसे कैन्सर से लड़ने में भी लाभदायक बताया है ।
यह महिलाओं में सफ़ेद पानी जाने की समस्या से भी लड़ने में सहायक होता है ।
अश्वगंधा की सेवन विधि
१) अश्वगंधा वटी - अश्वगंधा का सबसे प्रचलित और आमतौर पर लेने का तरीका है इसकी गोली खाना। अश्वगंधा ६० और १२० गोलीकी डिब्बी में आती है। आमतौर पर चिकित्सक इसे दिन में एक या दो बार लेरे की सलाह देते हैं। इसे खाने से पूर्व गरम पानी के साथलिया जाता है। यह वटी ब्राह्मी वटी की तरह उन आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में आती है जिनका सेवन न सिर्फ इलाज के लिए बल्कि खालीएहतियाद के लिए भी किया जाता है। कुछ चिकित्सकों और इसका नियमित सेवन करने वाले लोगों की माने तो इसे रोज़ लेने में कोई हर्ज़ नहीं है।
इसके फायदे
यह रक्तचाप (Blood Pressure) को नियंत्रित रखने में कारगर है।
यह एंग्जायटी (anxiety) से लड़ने में सहायक है।
इसे नियमित रूप से लिया जाए तो मानसिक ताक़त की बढ़ौतरी होती है।
यह लेने से नींद अच्छी और गहरी आती है।
यह मर्दों में यौन समस्याओं से लड़ने में भी सहायक होता है। एक शोध से यह भी पाया गया है की इसके नीयमित सेवन से मर्दों के शरीरमें टेस्टास्टरोन की मात्रा में १७% तक बढ़ौतरी हो सकती है और स्पर्म काउंट में १६७%(167%) तक बढ़ौतरी हो सकती है।
इसके दुष्प्रभाव
यह अगर चिकित्सकों की सलाह से और नियम से ली जाये तो इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं पाए गए हैं, परन्तु इसके अधिक सेवन से इसके निम्नलिखित दुष्प्रभाव हो सकते हैं-
क्या यह एलोपैथिक या होम्योपैथिक दवाईओं के साथ अनुकूल है ?
अश्वगंधा का होम्योपैथिक दवाइयों के साथ कोई दुष्प्रभाव नहीं है, परन्तु एलोपैथिक दवाइयों के साथ यह अनुकूल नहीं होती। ज़्यादा जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक की सलाह से ही लें।
२) अश्वगंधा पाउडर (Ashwagandha Powder)/ अश्वगंधा चूर्ण - अश्वगंधा पाउडर या इसे अश्वगंधा चूर्ण भी कहा जा सकता है यहअश्वगंधा के पौधे की पत्तियों और जड़ों को पीस कर बनाया जाता है। यह अश्वगंधा सेवन का एक अन्य प्रचलित तरीका है।
सेवन की विधि
इसे भोजन से पूर्व गुनगुने पानी के साथ लें।
इसके फायदे
यह त्वचा के लिए लाभदायक है।
अश्वगंधा वटी की तरह यह भी तनाव दूर करने और मस्तिषक की क्षमता बढ़ाने में कारगर है।
यह शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति में बढ़ौतरी करता है।
इसके दुष्प्रभाव
इसके अधिक सेवन से पेट खराब हो सकता है।
यह लो ब्लड प्रेशर वाले व्यक्तिओं को नहीं लेना चाहिए।
इससे मुख में खुश्की हो सकती है।
३) अश्वगंधा रसायन - अश्वगंधा रसायन अश्व्गन्धा पाउडर को दूध, घी और तिल के तेल के साथ मिलाकर बनाया जाता है। यह रसायन मूल रूप से शरीर की ताक़त बढ़ाने के लिए लिया जाता है।
इसके फ़ायदे
शारीरिक क्षमता बढ़ाना
स्टेमिना बढ़ाना
प्राण शक्ति को बढ़ाना
इसके सेवन की विधि
यह रसायन गुनगुने पानी के साथ दिन में एक बार भोजन से पूर्व लिया जाता है।
इसके दुष्प्रभाव
४) अश्वगंधा तेल - यह तेल अश्वगंधा की जड़ो और पत्तियों को पीस कर गोले या तिल के तेल में मिलाकर बनाया जाता है।
इसके सेवन की विधि
यह शरीर के ऊपर लगाया जाता है इसे खोपड़ी पर भी लगा सकते हैं।
इसके फ़ायदे
इसके दुष्प्रभाव
अश्वगंधा के सभी प्रचलित रूपों पर हम ऊपर बता चुके हैं पर यह वो सब रूप हैं जो दवायी की तरह लिए जाते हैं पर अगर हम इसे अपने रोज़-मर्रा के जीवन में उतारना चाहें तो उसके लिए हमें इसे अपनी जीवनशैली के साथ जोड़ना होगा।
रोज़ के खान पान के साथ इसे जोड़ लेने से यह चमत्कारी जड़ी बूटी बेहद सहज ही आपके जीवन का हिस्सा बन जाएगी और आपकोऔर आपके परिवार को तंदुरुस्त रखने में सहायक होगी।
सबसे पहले बात करते हैं kerala Ayurveda की Orange-Ashwagandha Soap की।
१)अश्वगंधा साबुन (Orange Ashwagandha Soap) - अश्वगंधा साबुन एक आयुर्वेदिक व् औषधीय साबुन है। यह साबुन न केवल त्वचा के निखार के लिए बल्की त्वचा की बेहतरी के लिए भी इस्तेमाल की जाती है।
मुख्यतः यह साबुन वात प्रकृतु के व्यक्तियों के लिए है, वात प्रकृति के व्यक्तियों में खुश्क त्वचा की समस्या पायी जाती है और यह साबुन त्वचा को हाइड्रेट करके त्वचा की खुश्की दूर करती है और पुनर्जीवित करती है तथा आपको ताज़गी का एहसास कराती है।
इसमें इस्तेमाल किये जाने वाले अवयव
संतरे का तेल
अश्वगंधा का तनिचोड़
ऐलोवेरा
नारियल तेल
१)अश्वगन्धादि लेह्यं - यह बाजार में सहज ही उपलब्ध उत्पाद है। इसे लेने के कई फायदे हैं जैसे शारीरिक ऊर्जा बढ़ाना और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना। आमतौर पर लोग बीमार पड़ने पर दवाई तो निःसंकोच खरीद लेते हैं पर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कुछ काम नहीं करते। यह एक ऐसी प्रकार की औषधि है जो बगैर चिकित्सकों की सलाह के भी उपलब्ध है और जिसे नियमित रूप से लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में अच्छी बढ़ौतरी होती है।
इसमें इस्तेमाल किये जाने वाले अवयव
अश्वगंधा
सारिवा
जीरा
मधुस्नुही
द्राक्षा
घी
शहद
इलाइची
शक्कर
तिल
अदरक
काले चने
३)अश्वगंधा tea यानी अश्वगंधा वाली चाय
अश्वगंधा चाय एक अच्छा नुस्खा है, अश्वगंधा को अपने रोज़ाना जीवन में उतारने का। इससे आपकी चाय भी पौष्टिक होती है।
इसे तैयार करने की सामग्री
१/२ कप दूध
१/२ कप पानी
१ चम्मच अश्वगंधा पाउडर
शहद/शक्कर स्वादानुसार
इसे तैयार करने की विधि
सबसे पहले दूध को एक पतीले में डाल लें और ऊपर से उसके अश्वगंधा पाउडर और पानी मिला लें।
तीनो को एक साथ धीमी आँच पे गरम होने दें।
अपनी इच्छा अनुसार आप इसके अदरक और इलाइची भी डाल सकते हैं और सभी को एक साथ पका लें।
अपने स्वाद अनुसार इसमें शहद या शक्कर मिला लें और आपकी अश्वगंधा चाय का मज़ा लें।
इसके फायदे
यह आपको तनाव से लड़ने में मदद करेगी और चए के रूप में होने के कारण यह सहज ही आपने जीवन में रोज़ाना लेने की चीज़ के रूपमें जुड़ जाएगी।
४) अश्वगंधा बनाना smoothie
जैसा कि हम देखते हैं कई बच्चे चाय से परहेज़ करते हैं, तो उनके लिए इसका एक और स्वादिष्ट और पौष्टिक रूप है अश्वगंधा बनाना smoothie। यह दूध और केले की मदद से बनती है और यह दुबले बच्चों के लिए अत्यंत लाभदायक है।
तैयार करने की सामग्री
इसे तैयार करने की विधि
केले, दूध, गिरी, अश्वगंधा पाउडर और अपने मुताबिक़ शहद या शक्कर को एक mixer में डाल लें और कुछ देर चला लें।
आपकी अश्वगंधा बनाना smoothie तैयार।
इसके फ़ायदे
५)अश्वगंधा-हल्दी दूध
एक और स्वादिष्ट और आकर्षक रूप अश्वगंधा को लेने का। यह आहार इसमें हल्दी होने की वजह से अश्वगंधा के साथ इसके लाभ को बढ़ा देता है।
इसे तैयार करने की सामग्री
१ चम्मच अश्वगंधा पाउडर
१ चम्मच हल्दी पाउडर
१/२ कप दूध
१ चम्मच गोले का तेल
इसे तैयार करने की विधि
इसके फ़ायदे
यह तनाव से लड़ने के लिए अत्यंत लाभकारी है।
इसे मांसपेशियों में दर्द हो तब भी लोग पीते हैं। माना जाता है अगर इसे सोने से पहले पीया जाये तो यह मांसपेशियों को आराम पोहचता है।
यह लोग सोने से पहले इसलिए भी पीते हैं ताकि नींद अच्छी और गहरी आये।
६)अश्वगंधा घी दूध
अश्वगंधा और घी एक बेहद पौष्टिक मेल है। घी के साथ अश्वगंधा अत्यंत लाभदायक है।
इसे तैयार करने की सामग्री
१-२ चम्मच अश्वगंधा पाउडर
१ चम्मच घी
१ चम्मच शक्कर
१ ग्लास दूध
इसे तैयार करने की विधि
इसके फायदे
७)अश्वगंधा मक्खन
अश्वगंधा का मक्खन भी बनाया जा सकता है ताकि जब भी आप नाश्ते में सैंडविच खाएं तो आपका आहार अश्वगंधा के फायदों से भरपूर रहे।
इसे तैयार करने की सामग्री
२ कप बादाम
१ कप घी या मक्खन
१ कप अश्वगंधा पाउडर
तैयार करने की विधि
इसके फायदे
८)अश्वगंधा ट्रफल बॉल
यह अश्वगंधा का एक बेहद तवादिष्ट रूप है जो ख़ास तौर पर बच्चों के लिए और चॉकलेट पसंद करने वाले किसी भी इंसान के लिए है। इस तरह के व्यंजन का मूलतः कारण यह है की एक तो इससे अश्वगंधा का एक लोकप्रिय रूप सामने आता है और दूसरा इससे चॉकलेट का भी एक ऐसा रूप सामने आता है जो स्वस्थ के लिए अच्छा भी है।
इसे तैयार करने की सामग्री
इसे तैयार करने की विधि
एक ब्लेंडर की मदद से अश्वगंधा पाउडर और खजूरों को अच्छे से ब्लेंड कर लें और एक पेस्ट तैयार करलें।
उस पेस्ट की छोटी छोटी गेंद बना लें और अगर गेंद ना बन पाए तो पेस्ट को फ्रिज में रख कर थोड़ा जमा लें।
साथ ही चॉकलेट चिप्स और नारियल तेल को एक पैन में गरम कर लें और चलाते रहें।
अब उन गेंदों को चॉकलेट और नारियल के मिक्स में डूबकर उनपे चॉकलेट की एक परत चढ़ने दें।
टॉपिंग के लिए थोड़ा सा सेंधा नमक और तिल के बीज छिड़क लें और आपकी अश्वगंधा ट्रफल बॉल तैयार।
इसके फायदे
९)अश्वगंधा काजू टॉनिक
अश्व्गन्धा टॉनिक के रूप में भी लिया जा सकता है जिसे आमतौर पर रात को सोने से पहले लिया जाता है। यह टॉनिक बेहद लाभदायक होता है।
इसे तैयार करने की सामग्री
इसे तैयार करने की विधि
सबसे पहले काजू और दूध को मिलकर एक ब्लेंडर में चला लें जबतक काजू अच्छे से पिस न जाएँ।
अब काजू और दूध के पेस्ट में मेपल सिरप, वैनिला बीन, दालचीनी पाउडर, जायेफल और अश्वगंधा पाउडर मिला लें और इसे साथ में उबलने दें।
इसमें एक चुटकी नमक भी मिला लें और मिक्स कर लें।
आपका अश्वगंधा काजू टॉनिक तैयार।
इसके फायदे
यह गहरी नींद और तनाव को दूर करने में सहायक है।
आधुनिक विज्ञान की राय
अश्वगंधा आयुर्वेद की दुनियां में सबसे प्रचलित जड़ी बूटी है। सम्पूर्ण आयुर्वेद की तरह इसपर भी आधुनिक विज्ञान ने अधिक शोध नहीं किया है परन्तु उनकी माने तो अश्वगंधा तनाव, एंग्जायटी व् मर्दों की यौन सम्बंधित समस्याओं से लड़ने में सहायक होता है। इसके बाकी बताये गए फायदों को लेकर आधुनिक विज्ञान सम्पूर्ण समर्थ नहीं देता है।